How EVM works ? EVM कैसे काम करती है ? : यह तो सभी लोग जानते हैं कि EVM का पूरा नाम Electronic Voting Machine होता है लेकिन आज हम आपको बताने वाले हैं EVM के बारे में कुछ ऐसी जानकारी जो शायद आपको नहीं पता हो तो जेसे कि EVM का अबिष्कार कब हुंआ ? कौन सी कंपनी इसे बनाती है ? यह कैसे काम करती है ऐसे कई सवालों के जबाब।
How EVM Machine is used:
देश में विधानसभा, लोकसभा तथा कई और चुनाव होते हैं तो सबसे पहले EVM का जिक्र होता है कुछ लोग ये भी बोलते हैं कि EVM में गड़बड़ की गई है लेकिन क्या EVM में गड़बड़ हो सकती है यदि हॉं तो कैसे? तो आइये जानते हैं
EVM के पहले वोटिंग के लिए कागज के मतपत्रों का उपयोग किया जाता था और मैन्युअली गिनती की जाती थी मुद्रित कागज महँगे थे तथा मतदान के मतपत्रों की गिनती के लिए अधिक समय तथा संसाधनो की आवश्यकता होती थी इसीलिए EVM का उपयोग कारगर साबित हुआ है।
EVM क्या है ?
EVM चुनाव मे प्रयोग होने वाली एक इलेक्ट्रानिक मशीन है जिसकी सहायता से हम अपना वोट डाल पाते हैं और इसी मशीन से वोटों की गिनती भी होती है इसमें प्रत्येक कैंडिडेट का नाम लिखा होता है तथा साइड में उसका चुनाव चिन्ह छपा होता है तथा उसी के बगल में एक एक बटन लगा होता है जिसको प्रेस करने पर उसी कैंडिडेट को वोट चला जाता है।
EVM कब बनी ?
साल 1980 में एम. बी. हनीफा ने पहली वोटिंग मशीन बनाई थी उस वक्त इसे इलेक्ट्रोनिकली ऑपरेटेड वोट काउंटिग मशीन नाम दिया गया था। EVM का पहली बार इस्तेमाल 1982 में केरल के उत्तर परवूर में हुए उप- चुनाव में किया गया था।
कैसे काम करती है EVM ?
EVM में दो यूनिट होती हैं जिनको कंट्रोल और बैलेट कहते हैं बैलेट युनिट जिसमें बटन दबाकर आप वोट डालते हैं और वोट को स्टोर किया जाता है ।
दूसरी कंट्रोल युनिट जो कि मतदान अधिकारी के पास होती है बैलेट युनिट पर अलग अलग कैंडिडेट के नाम तथा चुनाव चिन्ह होते हैं जिनके आगे बटन लगा रहता है इस बटन को दबाकर आप अपना बोट डालते हैं प्रत्येक उम्मीदवार के चुनाव चिन्ह के सामने अलग अलग बटन होते हैं इन बटन को दबाने पर आपका डाला गया वोट मशीन में स्टोर कर लिया जाता है
जब वोटिंग का काम खत्म हो जाता है तो फिर उसे सील पैक करके स्थानीय निकाय पर जमा कर दिया जाता है तथा वोटिंग वाले दिन इससे काउंटिंग की जाती है
EVM कौन सी कंपनी बनाती हैं?
EVM का निर्माण हमारे देश में ही होता है यानि कि इनको आयात नहीं किया जाता इनको रक्षा मंत्रालय के तहत दो सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड और परमाणु ऊर्जा विभाग के तहत इलेक्ट्रानिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा बनाया जाता हैl
क्या EVM को हैक किया जा सकता है ?
अक्सर सुनाई में आता रहता है कि EVM को हैक कर लिया गया है या EVM के साथ कोई गड़बड़ की गई है लेकिन इसका कोई सटीक उत्तर नहीं मिल पाता है
मुझे लगता है कि EVM को हैक करने के लिए उसको सील करने के बाद उस तक पहॅुचना जरूरी होता है जिससे कि सील के साथ छेड़छाड़ करनी पड़ सकती है और सील को बदलना आसान नहीं है क्योंकि इसे कई जगह रिकॉर्ड किया जाता है तथा उच्च अधिकारियों के सामने इसकी वीडियो रिकॉर्डिग की जाती है। और आजकल सोशल मीडिया एक्टिव होने के कारण ये खबर फेलते देर नहीं लगेगी
भारतीय चुनाव आयोग ऐसी बातों का खंडन करता है भारतीय चुनाव आयोग के अनुसार EVM एक पारदर्शिता वाली मशीन है क्योकि इसमें आप वोट डालने के तुरंत बाद VVPAT के द्वारा अपना कंफर्मेशन कर सकते हैं कि आपका वोट सही जगह गया है कि नहीं।